Friday 11 March 2016


जब we met गृहमन्त्री जी again    
केन्द्रीय  सचिवालय  राजभाषा सेवा  समूह '' अधिकारी एसोसिएशन

माननीय गृह मंत्री के साथ बैठक

दिनांक 02.03.2016 को अपराह्न 4.30 बजे केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा समूह '' अधिकारी एसोसिएशन के अध्‍यक्ष श्री वेद प्रकाश गौड़ (निदेशक, संस्‍कृति मंत्रालय) के नेतृत्‍व में एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि-मंडल ने माननीय गृह मंत्री, श्री राजनाथ सिंह जी के साथ उनके नॉर्थ ब्‍लॉक स्थित कार्यालय में एक बैठक की और उनको CSOLS के कार्मिकों की समस्‍याओं से अवगत कराया। प्रतिनिधि-मंडल में श्री वेद प्रकाश गौड़ के साथ सर्वश्री इफ्तेखार अहमद (उपाध्‍यक्ष), बृजभान (महासचिव), भास्‍कर कुमार मिश्र (कोषाध्‍यक्ष) और अरूण विद्यार्थी (संयुक्‍त सचिव) शामिल थे ।

2. एसोसिएशन ने गृह मंत्री महोदय को एक ज्ञापन दिया और उनके समक्ष सहायक निदेशकों के तत्‍काल नियमितिकरण की मांग सहित निम्‍नलिखित मांगें रखी :

  (i) विभिन्न कारणों से नही भरे जा सके वर्ष 2006 से 01.05.2015 (नए भर्ती नियम अधिसूचित होने की तारीख) तक की अवधि के निदेशक और संयुक्‍त निदेशक स्‍तरों के प्रतिनियुक्ति कोटा के पदों और वर्ष 1997 से 01.05.2015 तक की अवधि के सहायक निदेशक स्‍तर के सीधी भर्ती कोटा के पदों का पदोन्नति कोटा में डायवर्जन किया जाए और विगत में सहायक निदेशक स्‍तर पर सीधी भर्ती न हो पाने के ठोस कारणों वाला रिकार्ड राजभाषा विभाग में उपलब्‍ध न होने को डायवर्जन न करने का आधार न बनाया जाए ।

(ii) अधिकारियों को उक्‍त डायवर्जन का वास्‍तविक लाभ मिलना सुनिश्चित करने के लिए और आज भी पदोन्नति के लिए पात्र अधिकारी उपलब्ध न हो पाने की समस्या के निदान के लिए, भर्ती नियमों में इस आशय का संशोधन किए जाने तक, एक बारगी उपाय और/या विशेष मामले के तौर पर दिनांक 01.05.2015 (नए भर्ती नियम अधिसूचित होने की तारीख) से पहले की अवधि में उत्पन्न रिक्तियों को भरने हेतु दिनांक 31.10.2006 और 01.05.2015 के भर्ती नियमों की व्‍यवस्‍था का अधि‍क्रमण करके, पदोन्नति हेतु पात्रता अवधि/अर्हक सेवा अवधि की गणना अन्य समानांतर/संगठित सेवाओं की तर्ज पर नियमित सेवा के स्थान पर अनुमोदित सेवा के आधार पर की जाए

 (iii)  भविष्‍य में इस समस्‍या से बचने हेतु नए भर्ती नियमों का संशोधन करके उनमें यथाशीघ्र, अन्‍य बातों के साथ-साथ, पदोन्नति हेतु नियमित सेवा के स्‍थान पर अनुमोदित सेवा का प्रावधान किया जाए ।

(iv) सहायक निदेशक स्‍तर पर 50 पदों की सीधी भर्ती के लिए दिए गए विज्ञापन को तत्काल वापस लिया जाए तथा सीधी भर्ती की रिक्तियों के लिए पुन: विज्ञापन दिया जाए जिसमे विज्ञापित पदों की संख्‍या को दिनांक 01.05.2015 को अधिसूचित नए भर्ती नियमों मे किए गए उपबंध के अनुसार वर्ष 2015-16 में उत्पन्न कुल रिक्तियों के 25% तक सीमित रखा जाए, और

(v) भविष्य मे पदोन्नत अधिकारियों द्वारा की जाने वाली मुक़दमेबाज़ी एवं विरोध से बचने के लिए, पुनर्विज्ञापित रिक्तियों के आधार पर चयनित होने वाले DR कोटा के सहायक निदेशकों की पारस्परिक वरिष्ठता का निर्धारण पदोन्नति कोटा के उन सहायक निदेशकों के साथ किया जाए जिनके नाम वर्ष 2015-16 की चयन सूची में नियमित सहायक निदेशकों के रूप में शामिल होंगे ।

3. माननीय गृह मंत्री महोदय ने एसोसिएशन के प्रतिनिधि-मंडल से चर्चा के बाद अपने निजी सचिव श्री नीतेश कुमार झा, IAS को फोन पर निदेश दिया कि वे राजभाषा सेवा की समस्‍याओं को गहनता से समझकर उनका तत्‍काल समाधान ढूंढें । निजी सचिव महोदय ने गृह मंत्री जी के सलाहकार डॉ. हरि कृष्ण पालीवाल जी (IAS,1981,UP,सेवानिवृत्त) से भी एसोसिएशन द्वारा उठाये गए मुद्दों के हल में सहभागी बनने का अनुरोध किया। फलस्‍वरूप गृह मंत्री से मिलने के तुरंत बाद उनके निजी सचिव और सलाहकार के साथ भी एसोसिएशन की अलग-अलग बैठकें आयोजित हुईं जिनमें विस्‍तृत चर्चा की गई। मौटे तौर पर गृह मंत्री, उनके निजी सचिव और सलाहकार के साथ एसोसिएशन की क्रमश 10 मिनट, 20 मिनट और 25 मिनट तक वार्ता हुई ।

बैठक की एक झलक नीचे दी गई है जिसमें एसोसिएशन के पदाधिकारियों को माननीय गृह मंत्री जी से चर्चा करते हुए दिखाया गया है:


(बायें से दायें : सर्वश्री वेद प्रकाश गौड़, अध्यक्ष; भास्कर कुमार मिश्र, कोषाध्यक्ष; अरूण विद्यार्थी, 
संयुक्त सचिव; इ. अहमद, उपाध्यक्ष और बृजभान, महासचिव)

दिनांक 11.03.2016 को माननीय सचिव महोदय के साथ भी बैठक

माननीय गृह मंत्री के साथ हुई ऊपर संदर्भित बैठक के क्रम में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री आनंद कुमार (उप-निदेशक, राजस्व विभाग) के नेत्रत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज दिनांक 11.03.2016 को दोपहर 12.00 बजे राजभाषा विभाग के प्रभारी सचिव माननीय श्री अनूप कुमार श्रीवास्‍तव जी से भी उनके नार्थ ब्‍लॉक स्थि‍त कार्यालय में बैठक की । बैठक में उन्‍हीं मुद्दों को दोहराया गया जो माननीय गृह मंत्री जी के साथ हुई बैठक में उठाये गए थे । प्रतिनिधि-मंडल में श्री आनंद कुमार के साथ सर्वश्री इफ्तेखार अहमद, बृजभान, भास्‍कर कुमार मिश्र, अरूण विद्यार्थी, सुभाष अवस्थी और राकेश मालिक शामिल थे ।   

दोनों बैठकों के संभावित लाभ/परिणाम

(i)    दो से चार दिन के भीतर सहायक निदेशकों के नियमितिकरण के आदेश जारी हो जाएंगे ।

(ii)   निदेशक, संयुक्‍त निदेशक और सहायक निदेशक स्‍तर पर अप्रैल, 2015 तक के प्रतिनियुक्ति एवं सीधी भर्ती कोटा के पदों का पदोन्‍नति कोटा के पदों में डायवर्जन होने से विभिन्‍न वर्षों की चयन-सूचियों में और अधिक नाम जुड़ सकेंगे । उदाहरण के तौर पर, अगर संयुक्‍त निदेशक स्‍तर पर वर्ष 2010-11 में 09 रिक्तियां थी जिनमें 05 पद पदोन्‍नति कोटा और 04 पद प्रतिनियुक्ति कोटा के थे तो नियुमानुसार उस वर्ष (2010-11) में 05 अधिकारी ही बतौर संयुक्‍त निदेशक नियमित हो सकते हैं क्योंकि पदोन्नति कोटा की रिक्तियाँ 05 ही थी जबकि डायवर्जन के बाद उस वर्ष की रिक्तियों पर 05 की जगह 09 अधिकारी नियमित हो जायेंगे क्योंकि प्रतिनियुक्ति कोटा के 04 पद भी पदोन्नति कोटा में जुड़ जाएंगे । डायवर्जन के बाद यही फार्मूला सहायक निदेशकों के मामले में भी लागू होगा।

(iii)  पूर्ववर्ती एवं वर्तमान भर्ती नियमों का अधिक्रमण करके पात्रता अवधि की गणना का आधार 'नियमित सेवा'  की जगह 'अनुमोदित सेवा' हो जाने के बाद पात्रता अवधि को संबंधित चयन-सूची वर्ष से शुरू करके गिना जायेगा जबकि नियमित सेवा के प्रावधान की वजह से यह गणना नियमित आधार पर कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से की जाती है। इस प्रकार पदोन्नति हेतु पात्र अधिकारी उपलब्‍ध न होने की वर्तमान समस्‍या का समाधान हो जायेगा ।

कार्यान्‍वयन की समय-सीमा : बात-चीत के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि डायवर्जन और अनुमोदित सेवा के उक्‍त प्रस्‍ताव का अनुमोदन हो जाने के बाद राजभाषा विभाग को इसके कार्यान्‍वयन के लिए अधिकतम चार माह का समय चाहिए ।

एक और जानकारी : माननीय CAT में मामले की अगली सुनवाई सोमवार दिनांक 14.03.2015 को है । आओ ईश्वर से प्रार्थना करें कि हमारी मनोकामना पूरी हो ।  









2 comments:

  1. ब्रजभान जी, आपकी मेहनत और निरंतर प्रयास के लिए साधुवाद। मेरा तो इतना सा अनुभव है और मानना है कि जो भी कार्य भगवान को समक्ष रखकर, सच्चे मन से और सच्चे भाव से किया जाता है, वह अवश्य ही पूरा होता है। आप निरंतर अच्छे कार्य के लिए प्रयासरत हैं, इसके लिए पुनः आपको साधुवाद और शुभकामनाएं।

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  2. आपने सहायक निदेशक (रा.भा.) के नियमितीकरण के मुद्दे को अनेक बार उच्चतम स्तर पर उठाया है, इसके लिए सभी व्यक्ति हृदय से आपके प्रति आभार व्यक्त करते हैं लेकिन दुःख की बात यह है कि अनेकानेक प्रयासों के बावजूद कुछ सकारात्मक हो नहीं पाया और सहायक निदेशक एक दशक से भी अधिक समय से तदर्थ आधार पर कार्यरत हैं। केंद्रीय सचिवालय के किसी संवर्ग में संभवतः ऐसी दूसरी नजीर नहीं मिलेगी। सुना है कि कार्मिक विभाग ने सहायक निदेशकों को नियमित करने के संबंध में टिप्पणी लिखी है, देखते हैं कि इसे कब तक अमलीजामा पहनाया जाता है। आपने भी ऊपर उल्लेख किया है कि दो-चार दिन में नियमितीकरण के आदेश जारी हो जाएंगे जिनमें से दो दिन तो निकल चुके हैं लेकिन हम आशावान हैं और उम्मीद करते हैं कि अगले दो-तीन दिनों में ये आदेश जारी हो जाएंगे। इस संबंध में ध्यान देने योग्य बात यह है कि सहायक निदेशकों को पूर्व वर्षों से (रिक्ति के उपलब्ध होने की तारीख से) नियमित किया जाना चाहिए, न कि वर्तमान से वर्ना वर्षों की तदर्थ सेवा व्यर्थ चली जाएगी।

    कैसी विडंबना है कि जब वर्तमान में सहायक निदेशक यूपीएससी द्वारा सीधी भर्ती के लिए पात्र थे, तब सीधी भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं किया है और आज जब विज्ञापन जारी किया गया है, तब उनकी आयु इतनी हो गई है कि वे इसके लिए अर्ह नहीं हैं।

    आशा ही नहीं, अपितु पूर्ण विश्वास है कि आपके निरंतर प्रयास जरूर रंग लाएंगे और सहायक निदेशकों को उनका हक मिलेगा। नियमितीकरण के संबंध में यदि कोई अपडेट हो, तो कृपया साझा करने का कष्ट करें।

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