केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा समूह 'क' अधिकारी एसोसिएशन
CENTRAL SECRETARIAT OFFICIAL LANGUAGE SERVICE GROUP 'A' OFFICERS
ASSOCIATION
जे-113, प्रथम तल, जल विंग, इंदिरा पर्यावरण भवन
J-113, FIRST FLOOR, JAL WING, INDIRA PARYAVARAN BHAWAN
ज़ोर बाग रोड, अलीगंज, नई दिल्ली-110003
JORBAG ROAD,
ALIGANJ, NEW DELHI- 110003
गृहमंत्री जी
के साथ बैठक
केन्द्रीय
सचिवालय राजभाषा सेवा समूह 'क' अधिकारी एसोसिएशन के एक शिष्टमण्डल, जिसमे सर्व/श्री राकेश कुमार, आनंद कुमार, इफ्तेखार अहमद, सुधीर कुमार, उमाशंकर शर्मा और
बृजभान शामिल थे, ने आज दिनांक 24.03.2015 को दोपहर 1.30 बजे देश के गृह मंत्री माननीय श्री राजनाथ सिंह के साथ, उनके
नार्थ ब्लॉक स्थित चैंबर में, बैठक करके उनके समक्ष केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा
सेवा संवर्ग की समस्याएं उठायी और उनके शीघ्र निराकरण का अनुरोध किया ।
प्रारंभ में
एसोसिएशन के महासचिव बृजभान ने बैठक हेतु समय देने के लिए माननीय गृह मंत्री जी का
धन्यवाद किया। कोषाध्यक्ष श्री इफ्तेखार अहमद और कार्य-कारिणी सदस्य श्री सुधीर
कुमार ने उन्हें एसोसिएशन की ओर से गुलदस्ता भेंट किया । एसोसिएशन ने माननीय गृह
मंत्री जी को अपना अभ्यावेदन दिया और उनके समक्ष, सभी सहायक निदेशकों को तत्काल
नियमित किये जाने सहित, अनेक मुद्दे उठाये । एसोसिएशन माननीय गृह मंत्री जी के सामने
निम्नलिखित मुद्दों के साथ पेश हुई :-
(i) CSOLS के भर्ती नियम
संशोधित किए जा रहे हैं जिनमें पदोन्नति संबंधी पहले के कुछ बेहतर प्रावधानों को
हटाकर संवर्ग की बेहतरी के लिए नए प्रावधान जोड़ने के बजाय अहितकारी प्रावधान किए
जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, हर स्तर पर उच्चतर पद पर पदोन्नति के लिए दो निम्नतर पदों की सम्मिलित
सेवा को भी गणना में लिए जाने का प्रावधान हटाया जा रहा है , जो कि पहले से मौजूद रहा
है, जिससे कार्मिकों की
पदोन्नति का मार्ग और अधिक अवरुद्ध होगा ।
(ii) CSS और CSSS जैसी अन्य समानान्तर सेवाओं में भर्ती नियमों में विधिवत प्रावधान
करके यह व्यवस्था की गई है कि पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि की गणना उस वर्ष की
जनवरी/जुलाई से की जाएगी जिस वर्ष की रिक्ति पर संबंधित अधिकारी को
पदोन्नत/नियुक्त किया गया था। DOPT के दिनांक 08.09.1998 के कार्यालय ज्ञापन
सं. 22011/9/98-स्था.(घ) और दिनांक 17.09.1998 के कार्यालय ज्ञापन
सं. 22011/3/98-स्था.(घ), जो इस विषय पर अद्यतन
आदेश भी हैं, में और UPSC द्वारा अपनी वेबसाईट पर प्रदर्शित दिशानिर्देशों में भी पदोन्नति
के लिए पात्रता अवधि की गणना का यही फार्मूला अंगीकृत है । कुछ समय पहले तक खुद
राजभाषा विभाग भी पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि की गणना का यही तरीका अपनाता था
परंतु अब अचानक वह पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि की गणना DOPT के दिनांक 10.04.1989 के कार्यालय ज्ञापन सं. 22011/5/86-स्था.(घ), जो बहुत पुराना
है और इस विषय पर बाद में जारी DOPT के अनेक आदेशों/कार्यालय ज्ञापनों द्वारा अधिक्रमित हो चुका है, के अनुसार नियमित
सेवा की गणना करके पदोन्नति के आदेश जारी किए जाने की तारीख से करने लगा है ।
(iii) वर्ष 2011 में प्रथम संवर्ग-समीक्षा होने के 04 वर्ष बीत जाने के बाद
भी वह पूर्णत: क्रियान्वित नहीं हुई है क्योंकि सेवा में अभी भी सभी स्तरों पर
कुल मिलाकर 1000 में से लगभग 250 पद रिक्त पड़े हैं, जबकि 04 वर्ष पहले प्रशासनिक विभाग
ने अपने दिनांक 12.09.2011 के कार्यालय ज्ञापन के द्वारा
यह नीतिगत निर्णय लिया था कि संवर्ग पुनर्गठन
के परिणामस्वरूप उत्पन्न परिणामी रिक्तियों को एक-बारगी उपाय के रूप में
केवल पदोन्नति द्वारा भरा जाएगा लेकिन अब वे खुद के निर्णय से पीछे हट रहे हैं । सहायक निदेशकों के रिक्त 55 पदों को तो वरिष्ठ अनुवादकों
को तत्काल प्रोन्नत करके भरा जा सकता है ।
(iv) DOPT के दिनांक 08.09.1998 के कार्यालय ज्ञापन
सं. 22011/9/98-स्था.(घ) के अनुपालन में हर कार्यालय के लिए
वर्ष में दो बार DPC की बैठकों का आयोजन
अनिवार्य है परंतु राजभाषा विभाग में DPC की बैठकें ज़्यादातर असाधारण विलंब से और अनियमित रूप से आयोजित की
जाती हैं और कई बार तो 05-06 वर्ष तक भी आयोजित नहीं
की जाती हैं । परिणामस्वरूप, वर्तमान में CSOLS में निदेशक स्तर पर 18 में से 08, संयुक्त निदेशक निदेशक स्तर पर 36 में से 33 अधिकारी तदर्थ आधार पर
ही कार्य कर रहे हैं । सहायक निदेशक स्तर पर तो आलम यह है कि कोई भी नियमित नही
है और सभी 147 अधिकारी तदर्थ हैं ।
वस्तुत: सहायक निदेशकों के नियमितीकरण के लिए वर्ष 2008 के बाद से 07 वर्ष बीतने के बाद
भी कोई DPC आयोजित ही नहीं की गई है जबकि सभी स्तरों के तदर्थ अधिकारियों को भर्ती नियमों में निर्धारित
भर्ती पद्धति के अधिक्रमण में प्रशासनिक विभाग के दिनांक 12.09.2011 के उपरोक्त संदर्भित कार्यालय
ज्ञापन के आधार पर एक-बारगी उपाय के रूप में, सभी रिक्तियों को पदोन्नति कोटा की रिक्तियां मानकर, प्रत्येक वर्ष की रिक्तियों
के आधार पर वर्ष-वार चयन सूचियों के अनुसार, बहुत पहले ही DPC आयोजित करके नियमित
कर दिया जाना चाहिए था और संवर्ग समीक्षा के उपरांत वर्ष 2011 की स्थिति के अनुसार निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, सहायक निदेशक और
वरिष्ठ अनुवादक स्तरों पर क्रमश: 18, 36, 85, 202 और 318 कार्मिकों को बहुत
पहले ही नियमित किया जाना चाहिए था ।
(v) CSS और CSSS की समानांतर सेवाओं में उप सचिव या समकक्ष स्तर पर अधिकारियों की प्रोन्नति
होने पर उनके वेतन का निर्धारण मूल वेतन के 06% के प्रतिशत के बराबर दो
वेतन वृद्धियां देकर और इस प्रकार प्राप्त राशि में ग्रेड वेतन का अंतर अर्थात 1000 रूपये जोड़कर किया जाता
है जबकि CSOLS में संयुक्त निदेशक (उप सचिव के समकक्ष) के रूप में पदोन्नति पर
वेतन-निर्धारण में 06% के स्थान पर 03% की वेतन-वृद्धि दी जाती है ।
इस तथ्य के बावजूद
कि वित्तीय निहितार्थ वाले मामले व्यय विभाग को भेजे जाते हैं और DoPT ने स्वयं भी CSS के उप सचिवों संबंधी मामले को व्यय विभाग के साथ उठाया था, राजभाषा विभाग ने इस मामले
को व्यय विभाग में न भेजकर केवल DoPT भेजा जबकि इस एसोसिएशन ने मामले को व्यय विभाग को भेजने का अनुरोध किया
था । DoPT ने इस मामले पर स्वाभाविक
तौर पर अपनी असमर्थता जताई क्योंकि वह CSOLS का संवर्ग नियंत्रक नहीं है और न ही वित्तीय मामलों में नोडल विभाग
है ।
(vi) माननीय 'संसदीय राजभाषा समिति' (रिपोर्ट का भाग-3, अध्याय-13) और CSOLS संवर्ग समीक्षा विशेषज्ञ समिति (रिपोर्ट का पृष्ठ-7, पैरा-7) द्वारा की गई सिफारिशों
के बावजूद CSOLS में संयुक्त सचिव/वरिष्ठ निदेशक स्तर के कुछ अतिरिक्त पदों के सृजन पर बिल्कुल भी विचार
नहीं किया जा रहा है ।
(vii) सहायकों (CSS) और आशुलिपिक ग्रेड 'सी' (CSSS) के ग्रेड वेतन को, सहायक पद को भरे जाने के लिए 75% सीधी भर्ती घटक के आधार
पर व्यय विभाग के दिनांक 16.11.2009 के कार्यालय ज्ञापन द्वारा दिनांक 01.01.2006 से 4200 रू0 से बढ़ाकर 4600 रू0 किया गया और CSOLS में समकक्ष पद अर्थात
कनिष्ठ अनुवादक के 4200 रू0 के ग्रेड वेतन में इस तथ्य के बावजूद बढ़ोतरी नहीं की गई कि कनिष्ठ
अनुवादक पद के लिए निर्धारित भर्ती योग्यता अपने समकक्षों की स्नातक उपाधि/इंटरमीडिएट योग्यता की
तुलना में अधिक है क्योंकि कनिष्ठ अनुवादकों को अनुवाद में दो वर्ष के अनुभव/डिप्लोमा सहित स्नातकोत्तर
उपाधि की योग्यता पर 100% सीधे भर्ती किया जाता है और सहायक (CSS), आशुलिपिक ग्रेड 'सी' (CSSS) और कनिष्ठ अनुवादक (CSOLS) के उपरोक्त तीनों पद दिनांक 31.12.2005 तक 5500-9000/-रू0 के एक ही वेतनमान में
थे ।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बात सुनने
के बाद, माननीय गृह मंत्री ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि वे उनके अभ्यावेदन
में उल्लिखित प्रत्येक मुद्दे पर राजभाषा विभाग के अधिकारियों से समय-बद्ध
कार्रवाई सुनिश्चित कराएंगे ।
एसोसिएशन द्वारा माननीय गृह मंत्री जी
के साथ हुई बैठक की कुछ झलकियाँ भी प्रस्तुत की जा रही हैं :-
दिये जाने वाले अभ्यावेदन के मुख्य बिन्दुओं से शिष्टमण्डल को अवगत कराते एसोसिएशन के महासचिव
बैठक से पहले मुद्दों
और तर्कों पर चर्चा करता एसोसिएशन का शिष्टमंडल
(बांए से दाएं -
सर्व/श्री बृजभान, आनंद कुमार, राकेश कुमार, सुधीर कुमार, उमाशंकर
शर्मा और इ.अहमद)
एसोसिएशन की ओर से माननीय गृहमंत्री को गुलदस्ता भेंट करते श्री
सुधीर कुमार और श्री इफ्तेखार अहमद
माननीय गृहमंत्री को अभ्यावेदन सौंपते महासचिव बृजभान
माननीय गृहमंत्री जी के साथ चर्चा करता एसोसिएशन का शिष्टमण्डल