Thursday 20 September 2018


माननीय सचिवराजभाषा विभाग के साथ बैठक – दिनांक 20.09.2018

केन्द्रीय  सचिवालय  राजभाषा  सेवा  समूह '' अधिकारी एसोसिएशन
 CENTRAL SECRETARIAT OFFICIAL LANGUAGE SERVICE GROUP 'A' OFFICERS ASSOCIATION
701-, सातवाँ तल, ब्लॉक-11, सी जी ओ कांप्लेक्स, नई दिल्ली-110003
701-A, SEVENTH FLOOR, BLOCK-11, C G O COMPLEX, NEW DELHI- 110003


श्रीमती रचना गुप्ता, संयुक्त निदेशक (रा.भा.), भारत निर्वाचन आयोग के नेतृत्व में केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा समूह अधिकारी एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि मंडल ने माननीय सचिव (रा.भा.) के साथ बैठक की। प्रतिनिधि मंडल में एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य श्री शैलेस कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक, वित्तीय सेवाएं विभागएसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री आनंद कुमार, संयुक्त निदेशक, इस्पात मंत्रालयएसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री इफ्तेखार अहमद, सहायक निदेशक, नीति आयोग और एसोसिएशन के संयुक्त सचिव श्री अरूण कुमार विद्यार्थी, सहायक निदेशक, डीएवीपी मौजूद थे। इन सबके साथ एसोसिएशन के महासचिव श्री बृजभान भी बैठक के समय मौजूद थे।

बैठक की शुरूआत में महासचिव ने समय देने और संवर्ग समस्याओं को सुलझाने में रूचि लेने के लिए माननीय सचिव महोदय के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। महासचिव ने वरिष्ठ अनुवादक से सहायक निदेशक के पद पर पदोन्नति देने की इस एसोसिएसन की लंबित मांग पर विचार करने और मामले को संघ लोक सेवा आयोग को भिजवाने तथा सहायक निदेशक से उप निदेशक पद पर पात्रता की अवधि की गणना के लिए 2.5 वर्ष की नियमित सेवा पूरी कर चुके सहायक निदेशकों को पात्र बनाने की इस एसोसिएसन की दूसरी लंबित मांग पर विचार करने और इस प्रयोजनार्थ संगत प्रावधान को भर्ती नियमों में स्थान दिलाने के लिए भी सचिव महोदय का आभार व्यक्त किया। सचिव महोदय को बताया गया कि केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा में अनुवादकों और अधिकारियों के कुछ स्तरों पर भारी संख्या में पद रिक्त होने का मुख्य कारण वर्ष 2015 में अधिसूचित सेवा नियमों की अनेक खामियां है जिनमें प्रमुख खामी अनुमोदित सेवा के वांछित प्रावधान के स्थान पर नियमित सेवा का अवांछित प्रावधान किया जाना है जिसके फलस्वरूप अनुवादक और अधिकारी विलंब से पदोन्नति हेतु पात्र बनते हैं जबकि CSS एवं CSSS जैसी जबकि समांतर सेवाओं के सेवा नियमों में अनुमोदित सेवा का प्रावधान होने से वहाँ पात्रता की समस्या नहीं है। सचिव महोदय को यह भी बताया गया लंबे समय से संवर्ग के किसी भी स्तर की वरिष्ठता सूची अद्यतन नहीं है और इसे यथाशीघ्र अद्यतन करने का अनुरोध किया ।
  
 एसोसिएशन की ओर से सचिव महोदय को बताया गया कि वर्ष 2011 में हुई संवर्ग समीक्षा के संबंध में जारी किए गए राजभाषा विभाग के दिनांक 12.09.2011 के कार्यालय ज्ञापन के अनुसरण में सभी स्तरों के पदों को एकबारगी उपाय के रूप में केवल पदोन्नति से भरा जाना था परंतु इस सरकारी प्रतिबद्धता को पूरा नहीं किया गया। सचिव महोदय को यह भी बताया गया कि राजभाषा विभाग के दिनांक 02.12.2015 के पत्र द्वारा इस एसोसिएशन से अनुरोध किया गया था वह सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अपने विचार लिखित में राजभाषा विभाग को भिजवाए ताकि उन्हें विचार के लिए कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग/व्यय विभाग को भेजा जा सके परंतु इस बारे में एसोसिएशन के विचारों पर कोई गौर नहीं किया गया। इसी प्रकार राजभाषा विभाग ने स्वयं अपने दिनांक 13.01.2017 और 13.02.2017 के कार्यालय ज्ञापनों द्वारा सेवा नियमों में संशोधनों पर इस एसोसिएशन और सभी संबंधितों के विचार मांगे थे और इस एसोसिएशन के साथ-साथ सेवा के लगभग 125 अनुवादकों/अधिकारियों ने समय रहते राजभाषा विभाग को अपने विचार भिजवा दिए थे परंतु आश्चर्यजनक रूप से इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

एसोसिएशन ने सचिव महोदय से अनुरोध किया कि वे इस एसोसिएशन द्वारा विगत में प्रस्तुत दिनांक 03.12.2015 और दिनांक 13.02.2017 और 10.03.2017 के पत्रों पर कार्रवाई सुनिश्चित कराने का कष्ट करें जिससे कि पदोन्नति में आ रहा अवरोध जड़ से समाप्त हो सके। एसोसिएशन ने सचिव महोदय से यह भी अनुरोध किया कि चूंकि उप निदेशक पद पर पदोन्नति के लिए पात्रता के संबंध में भर्ती नियमों में जारी संशोधन प्रक्रिया में डेढ या दो महीने का समय लग सकता है, अत: संबंधित सहायक निदेशकों की वार्षिक कार्य निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्टें एवं सतर्कता अनापत्ति आदि मंगाने का कार्य तत्काल शुरू कर दिया जाए। एसोसिएशन ने सचिव महोदय से निदेशक स्तर के पदों को भी तदर्थ आधार पर तुरंत भरने का अनुरोध किया। संपूर्ण वार्तालाप का सार यह है कि सचिव महोदय सभी खाली पदों को यथाशीघ्र पदोन्नति से भरने के लिए सन्नद दिखाई दिए और बैठक के दौरान उनका रूख आशा से अधिक सकारात्मक रहा। चर्चा के उपरांत एसोसिएशन ने सचिव महोदय को अपनी मांगो के बारे में एक ज्ञापन भी दिया। 
इस एसोसिएशन की बैठक के बाद सचिव महोदय से अनुवादकों के भी एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की।     

Thursday 22 March 2018

                  
 STAY  GRANTED
                   केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा समूह 'अधिकारी एसोसिएशन

प्रिय दोस्तों, विगत कुछ महीनों से इस ब्लाग पर एक strategy के तहत कुछ नहीं लिखा जा रहा था क्योंकि कुछ मामलों में हमारी एसोसिएशन की गतिविधियों की अग्रिम जानकारी ने हमारे प्रयासों को कुछ हद तक धूमिल किया था। आज का मुद्दा सभी सहायक निदेशकों को revert करने वाले राजभाषा विभाग के दिनांक 14.03.2018 के आदेश पर तत्काल न्यायालय से stay लिए जाने से संबन्धित है। हमारी एसोसिएशन की 16.03.2018 को आयोजित आपातकालीन बैठक में मामले को तत्काल न्यायालय ले जाने के लिए एसोसिएशन को आदेशित किया गया और हमनें राजधर्म का पालन करते हुए शनिवार-रविवार 18-19 मार्च, 2018 को केस बनवाकर सोमवार 20.03.2018 को माननीय CAT में लगवाया जिसकी सुनवाई 22.03.2018 को निर्धारित हुई । जैसा कि आप जानते हैं, हमारी एसोसिएशन द्वारा तत्काल न्यायालय पहुँचने के निर्णय के बावजूद, हमारे कुछ अन्य साथियों ने भी माननीय CAT में व्यक्तिगत हैशियत में parallel केस दायर किया। मेरी सर्वोत्तम जनकारी के अनुसार एसोसिएशन द्वारा दायर मामलों में दिए गए निर्णय सभी संबंधितों पर स्वत: लागू होते हैं जबकि व्यक्तिगत हैसियत में दायर मामलों में दिए गए अधिकांश निर्णय केवल उन्हीं लोगों पर लागू होते हैं जो मामले में आवेदक बनें हों। वैसे भी एक मामले के लिए दो-दो वकीलों की फीस भरना कोई समझदारी का कार्य नहीं हो सकता। खैर, एक ही कैडर होने से एक ही मसले पर दूसरा भी केस लगने से कोई नुकसान नहीं है। माननीय CAT ने हमारा केस 14 न. पर सुना और सरकारी वकील से असहमत होते हुए उसमें stay दे दिया । इसी दौरान, हमारे अन्य साथियों द्वारा दायर मामले के वकील ने भी माननीय न्यायालय को बताया कि उन्होनें ने भी इसी मामले में same तरह का केस दायर कर रखा है जिसकी सुनवाई 22 न॰ पर होनी है तो न्यायालय ने उनके मामले में भी बिना किसी और सुनवाई के एवं 22 न॰ आने की प्रतीक्षा किए बिना stay दे दिया जिसके लिए हमारी एसोसिएशन माननीय CAT में मामला दायर करने वाले हर सदस्य एवं संवर्ग के सभी सदस्यों को बधाई देती है। लगता है दोनों वकील पहले परस्पर बैठक कर चुके थे। अंत में, हम राजभाषा विभाग और हमारी एसोसिएशन से अनावश्यक रूप से असहमत दोस्तों के लिए प्रात: वंदनीय श्री अटल बिहारी जी के शब्दों में यही कहगें कि:-“हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूँगा, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूँ, गीत नया गाता हूँ।“
दोस्तों, आपसे अपील है कि माननीय CAT में दायर हो चुके उक्त मामले के लिए यथाशीघ्र अपना आर्थिक सहयोग जरूर दें जो श्री विनोद कुमार, सहायक निदेशक, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पास स्वयं जाकर या अपने आस-पास के कार्यालय के किसी अधिकारी के जरिए उन्हें तत्काल भेजा जा सकता है।कृपया इसमें देर ना करें।
सधन्यवाद।