Thursday, 22 March 2018

                  
 STAY  GRANTED
                   केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा समूह 'अधिकारी एसोसिएशन

प्रिय दोस्तों, विगत कुछ महीनों से इस ब्लाग पर एक strategy के तहत कुछ नहीं लिखा जा रहा था क्योंकि कुछ मामलों में हमारी एसोसिएशन की गतिविधियों की अग्रिम जानकारी ने हमारे प्रयासों को कुछ हद तक धूमिल किया था। आज का मुद्दा सभी सहायक निदेशकों को revert करने वाले राजभाषा विभाग के दिनांक 14.03.2018 के आदेश पर तत्काल न्यायालय से stay लिए जाने से संबन्धित है। हमारी एसोसिएशन की 16.03.2018 को आयोजित आपातकालीन बैठक में मामले को तत्काल न्यायालय ले जाने के लिए एसोसिएशन को आदेशित किया गया और हमनें राजधर्म का पालन करते हुए शनिवार-रविवार 18-19 मार्च, 2018 को केस बनवाकर सोमवार 20.03.2018 को माननीय CAT में लगवाया जिसकी सुनवाई 22.03.2018 को निर्धारित हुई । जैसा कि आप जानते हैं, हमारी एसोसिएशन द्वारा तत्काल न्यायालय पहुँचने के निर्णय के बावजूद, हमारे कुछ अन्य साथियों ने भी माननीय CAT में व्यक्तिगत हैशियत में parallel केस दायर किया। मेरी सर्वोत्तम जनकारी के अनुसार एसोसिएशन द्वारा दायर मामलों में दिए गए निर्णय सभी संबंधितों पर स्वत: लागू होते हैं जबकि व्यक्तिगत हैसियत में दायर मामलों में दिए गए अधिकांश निर्णय केवल उन्हीं लोगों पर लागू होते हैं जो मामले में आवेदक बनें हों। वैसे भी एक मामले के लिए दो-दो वकीलों की फीस भरना कोई समझदारी का कार्य नहीं हो सकता। खैर, एक ही कैडर होने से एक ही मसले पर दूसरा भी केस लगने से कोई नुकसान नहीं है। माननीय CAT ने हमारा केस 14 न. पर सुना और सरकारी वकील से असहमत होते हुए उसमें stay दे दिया । इसी दौरान, हमारे अन्य साथियों द्वारा दायर मामले के वकील ने भी माननीय न्यायालय को बताया कि उन्होनें ने भी इसी मामले में same तरह का केस दायर कर रखा है जिसकी सुनवाई 22 न॰ पर होनी है तो न्यायालय ने उनके मामले में भी बिना किसी और सुनवाई के एवं 22 न॰ आने की प्रतीक्षा किए बिना stay दे दिया जिसके लिए हमारी एसोसिएशन माननीय CAT में मामला दायर करने वाले हर सदस्य एवं संवर्ग के सभी सदस्यों को बधाई देती है। लगता है दोनों वकील पहले परस्पर बैठक कर चुके थे। अंत में, हम राजभाषा विभाग और हमारी एसोसिएशन से अनावश्यक रूप से असहमत दोस्तों के लिए प्रात: वंदनीय श्री अटल बिहारी जी के शब्दों में यही कहगें कि:-“हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूँगा, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूँ, गीत नया गाता हूँ।“
दोस्तों, आपसे अपील है कि माननीय CAT में दायर हो चुके उक्त मामले के लिए यथाशीघ्र अपना आर्थिक सहयोग जरूर दें जो श्री विनोद कुमार, सहायक निदेशक, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पास स्वयं जाकर या अपने आस-पास के कार्यालय के किसी अधिकारी के जरिए उन्हें तत्काल भेजा जा सकता है।कृपया इसमें देर ना करें।
सधन्यवाद।