Wednesday, 23 March 2016
Thursday, 17 March 2016
केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा समूह 'क' अधिकारी एसोसिएशन
CAT संबंधी
मामले में अद्यतन जानकारी
माननीय CAT में
मामले की 14 मार्च से 17 मार्च,
2016 तक लगातार चार दिन सुनवाई के बाद माननीय CAT ने सहायक निदेशक पद के लिए
दिनांक 20.03.2016 को हो रही सीधी भर्ती परीक्षा के परिणाम पर स्थगनादेश (Stay) देते हुए निर्णय दिया है कि UPSC मामले
का अंतिम रूप से निपटान होने तक सीधी भर्ती परीक्षा के परिणाम घोषित नहीं करेगा। मामले की अगली सुनवाई
25 मई, 2016 को निर्धारित हुई है।
सहायक निदेशकों
के नियमितीकरण का मामला
माननीय
गृह मंत्री और सचिव मदोदय द्वारा व्यक्तिगत रुचि लेने के फलस्वरूप, लगभग एक सप्ताह पहले Assessment के बारे में DoPT से स्पष्टीकरण प्राप्त होने और सचिव महोदय द्वारा
अनुमोदन किए जाने के बाद शुक्रवार दिनांक 18.03.2016 तक सहायक निदेशकों के नियमितीकरण संबंधी आदेश जारी होने की संभावना
है।
Friday, 11 March 2016
जब we met गृहमन्त्री जी again
केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा
सेवा समूह 'क' अधिकारी एसोसिएशन
माननीय गृह मंत्री के साथ बैठक
दिनांक
02.03.2016
को अपराह्न 4.30
बजे केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा समूह 'क' अधिकारी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री वेद प्रकाश गौड़ (निदेशक, संस्कृति
मंत्रालय) के नेतृत्व में एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि-मंडल ने माननीय गृह मंत्री, श्री राजनाथ सिंह जी के साथ उनके नॉर्थ ब्लॉक स्थित कार्यालय में एक
बैठक की और उनको CSOLS
के कार्मिकों की समस्याओं से अवगत कराया। प्रतिनिधि-मंडल में श्री वेद प्रकाश
गौड़ के साथ सर्वश्री इफ्तेखार अहमद (उपाध्यक्ष), बृजभान (महासचिव), भास्कर
कुमार मिश्र (कोषाध्यक्ष) और अरूण विद्यार्थी (संयुक्त सचिव) शामिल थे ।
2.
एसोसिएशन ने गृह मंत्री महोदय को एक ज्ञापन दिया और उनके समक्ष सहायक निदेशकों
के तत्काल नियमितिकरण की मांग सहित निम्नलिखित मांगें रखी :
(i) विभिन्न
कारणों से नही भरे जा सके वर्ष 2006
से 01.05.2015
(नए भर्ती नियम अधिसूचित होने की तारीख) तक की अवधि के निदेशक और संयुक्त निदेशक
स्तरों के प्रतिनियुक्ति कोटा के पदों और वर्ष 1997
से 01.05.2015
तक की अवधि के सहायक निदेशक स्तर के सीधी भर्ती कोटा के पदों का पदोन्नति
कोटा में डायवर्जन किया जाए और विगत में सहायक निदेशक स्तर पर सीधी भर्ती न
हो पाने के ठोस कारणों वाला रिकार्ड राजभाषा विभाग में उपलब्ध न होने को डायवर्जन
न करने का आधार न बनाया जाए ।
(ii)
अधिकारियों
को उक्त डायवर्जन का वास्तविक लाभ मिलना सुनिश्चित करने के लिए और आज भी
पदोन्नति के लिए पात्र अधिकारी उपलब्ध न हो पाने की समस्या के निदान के लिए,
भर्ती
नियमों में इस आशय का संशोधन किए जाने तक,
एक बारगी उपाय और/या विशेष मामले के तौर पर दिनांक 01.05.2015
(नए भर्ती नियम अधिसूचित होने की तारीख) से पहले की अवधि में उत्पन्न रिक्तियों को
भरने हेतु दिनांक 31.10.2006
और 01.05.2015
के भर्ती नियमों की व्यवस्था का अधिक्रमण करके, पदोन्नति हेतु पात्रता अवधि/अर्हक
सेवा अवधि की गणना अन्य समानांतर/संगठित सेवाओं की तर्ज पर नियमित सेवा के स्थान
पर अनुमोदित सेवा के आधार पर की जाए ।
(iii) भविष्य में इस समस्या से
बचने हेतु नए भर्ती नियमों का संशोधन करके उनमें यथाशीघ्र, अन्य बातों के साथ-साथ, पदोन्नति हेतु नियमित
सेवा के स्थान पर अनुमोदित सेवा का प्रावधान किया जाए ।
(iv)
सहायक
निदेशक स्तर पर 50
पदों की सीधी भर्ती के लिए दिए गए विज्ञापन को तत्काल वापस लिया जाए तथा सीधी
भर्ती की रिक्तियों के लिए पुन: विज्ञापन दिया जाए जिसमे विज्ञापित पदों की संख्या
को दिनांक 01.05.2015
को अधिसूचित नए भर्ती नियमों मे किए गए उपबंध के अनुसार वर्ष 2015-16 में
उत्पन्न कुल रिक्तियों के 25%
तक सीमित रखा जाए,
और
(v)
भविष्य
मे पदोन्नत अधिकारियों द्वारा की जाने वाली मुक़दमेबाज़ी एवं विरोध से बचने के लिए,
पुनर्विज्ञापित
रिक्तियों के आधार पर चयनित होने वाले DR
कोटा
के सहायक निदेशकों की पारस्परिक वरिष्ठता का निर्धारण पदोन्नति कोटा के उन सहायक
निदेशकों के साथ किया जाए जिनके नाम वर्ष 2015-16
की चयन सूची में नियमित सहायक निदेशकों के रूप में शामिल होंगे ।
3.
माननीय गृह मंत्री महोदय ने एसोसिएशन के प्रतिनिधि-मंडल से चर्चा के बाद अपने निजी
सचिव श्री नीतेश कुमार झा, IAS
को फोन पर निदेश दिया कि वे राजभाषा सेवा की समस्याओं को गहनता से समझकर उनका तत्काल
समाधान ढूंढें । निजी सचिव महोदय ने गृह मंत्री जी के सलाहकार डॉ. हरि कृष्ण पालीवाल
जी (IAS,1981,UP,सेवानिवृत्त)
से भी एसोसिएशन द्वारा उठाये गए मुद्दों के हल में सहभागी बनने का अनुरोध किया।
फलस्वरूप गृह मंत्री से मिलने के तुरंत बाद उनके निजी सचिव और सलाहकार के साथ भी
एसोसिएशन की अलग-अलग बैठकें आयोजित हुईं जिनमें विस्तृत चर्चा की गई। मौटे तौर पर
गृह मंत्री, उनके निजी सचिव और सलाहकार के साथ एसोसिएशन की क्रमश 10 मिनट, 20 मिनट
और 25 मिनट तक वार्ता हुई ।
बैठक
की एक झलक नीचे दी गई है जिसमें एसोसिएशन के पदाधिकारियों को माननीय गृह मंत्री जी
से चर्चा करते हुए दिखाया गया है:
(बायें से दायें : सर्वश्री वेद प्रकाश गौड़,
अध्यक्ष; भास्कर कुमार मिश्र, कोषाध्यक्ष; अरूण
विद्यार्थी,
संयुक्त सचिव; इ. अहमद, उपाध्यक्ष और बृजभान, महासचिव)
संयुक्त सचिव; इ. अहमद, उपाध्यक्ष और बृजभान, महासचिव)
दिनांक 11.03.2016 को
माननीय
सचिव महोदय के साथ भी बैठक
माननीय गृह मंत्री के साथ हुई ऊपर
संदर्भित बैठक के क्रम में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री आनंद कुमार (उप-निदेशक, राजस्व विभाग) के नेत्रत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज दिनांक 11.03.2016
को दोपहर 12.00
बजे राजभाषा विभाग के प्रभारी सचिव माननीय श्री अनूप कुमार श्रीवास्तव जी से भी
उनके नार्थ ब्लॉक स्थित कार्यालय में बैठक की । बैठक में उन्हीं मुद्दों को
दोहराया गया जो माननीय गृह मंत्री जी के साथ हुई बैठक में उठाये गए थे । प्रतिनिधि-मंडल
में श्री आनंद कुमार के साथ सर्वश्री इफ्तेखार अहमद, बृजभान, भास्कर कुमार मिश्र, अरूण विद्यार्थी, सुभाष अवस्थी और राकेश मालिक शामिल
थे ।
दोनों
बैठकों के संभावित लाभ/परिणाम
(i) दो से चार दिन के भीतर सहायक निदेशकों के
नियमितिकरण के आदेश जारी हो जाएंगे ।
(ii) निदेशक, संयुक्त निदेशक और सहायक निदेशक स्तर
पर अप्रैल, 2015 तक के प्रतिनियुक्ति
एवं सीधी भर्ती कोटा के पदों का पदोन्नति कोटा के पदों में डायवर्जन होने से
विभिन्न वर्षों की चयन-सूचियों में और
अधिक नाम जुड़ सकेंगे । उदाहरण के तौर पर, अगर संयुक्त
निदेशक स्तर पर वर्ष 2010-11
में 09
रिक्तियां थी जिनमें 05 पद पदोन्नति कोटा
और 04
पद प्रतिनियुक्ति कोटा के थे तो नियुमानुसार उस वर्ष (2010-11)
में 05
अधिकारी ही बतौर संयुक्त निदेशक नियमित हो सकते हैं क्योंकि पदोन्नति कोटा की
रिक्तियाँ 05
ही थी जबकि डायवर्जन के बाद उस वर्ष की रिक्तियों पर 05
की जगह 09
अधिकारी नियमित हो जायेंगे क्योंकि प्रतिनियुक्ति कोटा के 04
पद भी पदोन्नति कोटा में जुड़ जाएंगे । डायवर्जन के बाद यही फार्मूला सहायक
निदेशकों के मामले में भी लागू होगा।
(iii) पूर्ववर्ती एवं वर्तमान भर्ती नियमों का अधिक्रमण करके
पात्रता अवधि की गणना का आधार 'नियमित सेवा' की जगह 'अनुमोदित
सेवा' हो जाने के बाद पात्रता अवधि को संबंधित चयन-सूची वर्ष से शुरू करके गिना जायेगा जबकि नियमित सेवा के प्रावधान की वजह
से यह गणना नियमित आधार पर कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से की जाती है। इस प्रकार
पदोन्नति हेतु पात्र अधिकारी उपलब्ध न होने की वर्तमान समस्या का समाधान हो
जायेगा ।
कार्यान्वयन
की समय-सीमा
: बात-चीत के आधार पर ऐसा प्रतीत होता
है कि डायवर्जन और अनुमोदित सेवा के उक्त प्रस्ताव का अनुमोदन हो जाने के बाद राजभाषा
विभाग को इसके कार्यान्वयन के लिए अधिकतम चार माह का समय चाहिए ।
एक
और जानकारी : माननीय CAT
में मामले की अगली सुनवाई सोमवार दिनांक 14.03.2015 को है । आओ
ईश्वर से प्रार्थना करें कि हमारी मनोकामना पूरी हो ।
Friday, 4 March 2016
केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा समूह 'क' अधिकारी एसोसिएशन
Update about the case filed in CAT
This Association had filed a case
in the Hon’ble CAT on 28.10.2015 with the following prayer:
A. “quash and set aside the advertisement No.12/2015
issued by UPSC to the extent advertising the post of Assistant Director at Sl. No.8 with
vacancy No.15091208412 and direct the respondents to fill up the resultant
vacancies in all the grades of CSOLS arisen as a result of cadre
restructuring by regular promotion in accordance with para 2 of OM dated
12.09.2011 including the post of Assistant Director, Official Language and
the eligible officers of CSOLS may be awarded all consequential benefits:''
B. ''Pending
final disposal of the OA, the office of respondent no.2 (i.e. UPSC) be directed not to proceed further
in terms of the advertisement No.12/2015 for the post of Assistant Director
as notified at Sl. No.8 with vacancy No.15091208412.''
The date
of hearing wise orders in respect of the case are as under:-
|
||||
Date: 19/02/2016
|
Order
of The Tribunal
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|||||
MA No.466/2016 is placed today for
orders.
By
means of this application, the applicant has sought pre-ponement of the date
of hearing of the OA on the ground that the advertisement dated 12.09.2015
whereby the examination is scheduled to be held from 20th March, 2016, is
under challenge and thus if the OA is not decided before the commencement of
the examination, the same would be rendered infructuous.
On the
other hand, Shri D. S. Mahendru, learned counsel for the respondents though
opposed the prayer, but does not dispute that the examination is to commence
from 20.03.2016.
Looking to the submissions made, and also keeping in view that the
examination scheduled to be held from 20.03.2016 in pursuant to the
advertisement, which has been impugned in the OA, I am inclined to prepone the
date of hearing. Registry is directed to list the OA before the
appropriate bench as per roster for disposal on 08.03.2016.
With the above order, the MA stands disposed of.
|
||||||
Date:12/02/2016
|
Order
of The Tribunal
|
|||||
|
||||||
Date:05/02/2016
|
Order
of The Tribunal
|
||||
MA No.466/2016 is placed today for
orders.
I have heard Shri Anil
Singhal holding brief for Shri S. K. Gupta, learned counsel for the applicant
as well as Shri D. S. Mahendru, learned counsel for the respondents.
However, when Shri Mahendru was faced with the averments made in para 3 of
the MA that examination is likely to be notified on 19.03.2016, he sought
time to inquire from the respondents as to whether the exact date is notified
or not.
As
prayed, put up on 12.02.2016.
|
|||||
Date:21/12/2015
|
Order
of The Tribunal
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Short reply filed on behalf of respondent No.1 is on record. Learned proxy
counsel for respondent No.2 submitted that said respondent would not file any
separate reply and would be adopting the stand taken by respondent No.1, as
matter need to be defended by respondent No.1 only. Rejoinder to the short
reply, if any, may be filed within two weeks.
List on 21.03.2016.
|
|||||||||
Date:01/12/2015
|
Order
of The Tribunal
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||||||||
1. At the
request of respondents' counsel, for filing reply, list the matter on
21.12.2015.
2. The
prayer of interim relief shall be considered on the next date of
hearing.
(V.
Ajay Kumar)
Member (J)
Later on Shri D.S.Mahendru, appears and submits that he is appearing for all
the respondents and file reply during the course of the day. List the matter
on 21.12.2015. In the meantime, applicant may file rejoinder, if any.
|
|||||||||
Date:19/11/2015
|
Order
of The Tribunal
|
||||
As prayed
by learned counsel for respondent Nos. 1 and 3, one week's time is granted to
file reply.
Learned proxy
counsel for respondent No.2 - UPSC submitted that the Commission would not be
filing any separate reply and would be adopting the stand taken by respondent
Nos. 1 and 3 and the said respondents have already been requested by the
Commission to defend the O.A. on its behalf also.
List on 01.12.2015.
|
Date: 30/10/2015
|
Order
of The Tribunal
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||||||||
As prayed by learned
counsel for respondent Nos. 1 and 3, further one week's time is granted for
filing short reply.
Learned counsel for respondent No.2 submitted that the UPSC would not be
filing any separate reply and would be adopting the stand taken by respondent
Nos. 1 and 3.
List on 19.11.2015.
|
|||||||||
Date: 28/10/2015
|
Order
of The Tribunal
|
||||||||
As prayed by the
learned counsel for the parties jointly, hearing is deferred to 30.10.2015.
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Date: 09/10/2015
|
Order
of The Tribunal
|
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Heard.
Issue notice to the respondents on
admission as well as interim relief.
Mr. Hanu Bhaskar and Mr. R.V.
Sinha, learned counsels, accept notice on behalf of respondent no.1 and 2
respectively and seek opportunity to file reply within two weeks.
Allowed.
List the case on 28.10.2015.
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